भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।
शक्ति और समृद्धि का प्रतीक श्री दुर्गा बीसा यंत्र मां दुर्गा को जल्द प्रसन्न करने के लिए आज ही घर में स्थापित करें शक्तिशाली दुर्गा बीसा यंत्र!
is, without having doubt, the preferred Hindu devotional hymn and Among the most strong prayers and meditations of humanity. It's widely thought that chanting the Chalisa invokes Hanuman’s divine intervention amidst grave issues and problems.
व्याख्या – रोग के नाश के लिये बहुत से साधन एवं औषधियाँ हैं। यहाँ रोग का मुख्य तात्पर्य भवरोग से तथा पीड़ा का तीनों तापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) से है जिसका शमन श्री हनुमान जी के स्मरण मात्र से होता है। श्री हनुमान जी के स्मरण से निरोगता तथा निर्द्वन्द्वता प्राप्त होती है।
श्याम-श्याम भजि बारंबारा । सहज ही हो भवसागर पारा ॥ इन सम देव न दूजा कोई ।..
तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
◉ श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला चालीसा है.
व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।
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"किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें".
Kid Hanuman reaches with the Solar pondering it is a fruit by BSP Pratinidhi As outlined by Valmiki's Ramayana, a single early morning in his childhood, Hanuman was hungry and saw the Sunshine. Mistaking it to get a ripe fruit, he leapt approximately eat it. In a single Edition with the Hindu legend, the king of gods Indra intervened and struck Hanuman with his thunderbolt. It strike Hanuman on his jaw, and he fell into the earth dead that has a damaged jaw. Hanuman's father, Vayu, turned upset and withdrew every one of the air from Earth. The lack of air produced enormous struggling to all residing beings. This led Shiva to intervene and resuscitate Hanuman, which consequently prompted Vayu to return air to your dwelling beings.
भावार्थ — हे हनुमान जी ! आपके पास कोई किसी प्रकार का भी मनोरथ [ धन, पुत्र, यश आदि की कामना] लेकर आता है, (उसकी) वह कामना पूरी होती है। इसके साथ ही more info ‘अमित जीवन फल’ अर्थात् भक्ति भी उसे प्राप्त होती है।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।